सम्राट अकबर के 9 रत्न (Akbar ke 9 Ratan GK Trick in Hindi)
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सम्राट अकबर के 9 रत्न (Akbar ke 9 Ratan Gk Trick in Hindi) आज हम आपको मुगल सम्राट अकबर से संबंधित GK Tricks बताने जा रहे हैं ! जैसा की आप सभी अभ्यर्थी जानते हैं कि अकबर के शासनकाल में उसके 9 गुणवान दरबारी थे जिन्हें अकबर के नवरत्न (Akbar ke 9 Ratan) के नाम से जाना जाता है| लेकिन इससे पहले हम इनके बारे में थोडी सी जानकारी बताते हैं जो परीक्षा की दृष्टि बहुत ही महत्वपूर्ण है|
भारत के महान मुगल बादशाह अकबर के नवरत्न से संबंधित प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रश्न पूछे जाते हैं, इसलिए आप सभी अभ्यार्थियों को akbar ke 9 ratan photo with name के साथ याद होना चाहिए | इस लेख में आप सभी विद्यार्थी अकबर के रत्नों के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे जो आपके परीक्षा की दृष्टि से उपयोगी सिद्ध हो सकती है |
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सम्राट अकबर के 9 रत्न (Akbar ke 9 Ratan)
सम्राट अकबर के 9 रत्न (Nine Gems of Akbar) से अक्सर प्रतियोगी परीक्षा में अकबर से संबंधित सवाल-जवाब पूछे जाते है| इस लिए आज हम आपको Akbar ke 9 Ratan Gk Trick in Hindi में बताएगे! लेकिन इससे पहले हम आपको महान 9 Ratan के बारे में बताएगे !! Akbar ke 9 Ratan ध्यान पूर्वक अवश्य पढ़े.
1. बीरबल :
नवरत्नों में से सबसे बुद्धिमान बीरबल को ही माना जाता है| इनका जन्म 1528 में काल्पी के एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था| इन के बचपन का नाम महेश दास था, बीरबल को अकबर के दरबार में पहुंचाने का श्रेय आमेर के राजा भारमल के पुत्र भगवान दास को है| इनकी योग्यता का सम्मान करते हुए सम्राट ने उन्हें कवि राज्य व राजा की उपाधि के साथ-साथ 2000 का मनसब प्रदान किया| बीरबल क्वेश्चन सैनिक थे अकबर ने इन्हें नगरकोट, कांगड़ा व कालिंजर में लगी रे दी प्रदान की थी | 1583 में अकबर के न्याय-विभाग के सर्वोच्च अधिकारी बने | अकबर द्वारा 1552 में चलाए गए दीन-ए-इलाही धर्म को स्वीकार करने वाले एकमात्र हिंदू राजा बीरबल ही थे| 1586 में युसूफजेई कबीले से लड़ते हुए उनकी मृत्यु हो गई| ज्ञात हो कि बीरबल की मृत्यु से अकबर इतने दुखी हुए कि उन्होंने 3 दिन तक अन्य ग्रहण नहीं किया|
2. अबुल फजल :
यह सूफी शेख मुबारक के पुत्र थे जिनका जन्म 1950 में हुआ था| अपनी योग्यता के कारण यह भी सम्राट के संपर्क में आते ही उनके अभिनय मित्र हो गए थे| यह इतिहास, दर्शन एवं साहित्य के विद्वान थे| अकबरनामा व आईने-अकबरी जैसे ग्रंथों की रचना करके में प्रसिद्ध हो गए थे| अबुल फजल दिन-ए-इलाही धर्म के मुख्य पुरोहित थे| मांसाबदार होने के साथ ही यह एक कुशल योद्धा भी थे, उन्होंने दक्षिण भारत में कई बुद्धू का सफल संचालन किया था| इनकी हत्या 1602 में शहजादा सलीम ने उस समय कर दिया जब दक्षिण से आगरा की ओर आ रहे थे|
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मिर्जा तानसेन का जन्म ग्वालियर में हुआ था| यह संगीत कला में अत्यधिक निर्गुण थे, उनकी संगीत की प्रशंसा सुनकर सम्राट अकबर ने इन्हें अपने दरबार में बुलाया था| तानसेन को संगीत-सम्राट भी कहा जाता है| अकबर ने इन्हें कंठाभरण वाणीविलास की उपाधि से सम्मानित किया| उन्होंने कई नए रागों की रचना की थी इनकी समय में ध्रुपद गायन शैली का विकास हुआ| उनकी प्रमुख कृतियों में मियां की टोड़ी, मियां की मल्हार, मियां की सारंग, दरबारी कानडा भी शामिल है| ज्ञातव्य हॉकी बाद में तारों से ले इस्लाम धर्म ग्रहण कर लिया | इनकी मृत्यु 1589 में हुई.
4. अब्दुलरहीम खानखाना :
यह बेरम खां के पुत्र थे| ऐसा माना जाता है, कि इनका पालन-पोषण अकबर ने ही किया था | यह उच्च कोटि के विद्वान कवि थे, उन्होंने तुर्की में लिखें बाबरनामा का फारसी में अनुवाद किया था इनकी हिंदी में लिखे दोहे आज भी पड़ी जाती हैं अकबर का पुत्र जहांगीर भी उनके व्यक्तित्व से प्रभावित था गुजरात के शासक को युद्ध में अपनी वीरता से आधारित करने पर अकबर ने इन्हें खानखाना की उपाधि से सम्मानित कि किया था |
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5. मानसिंह :
यह आमेर के राजा भारमल के पौत्र तथा भगवान दास के पुत्र थे| उन्होंने अकबर के साम्राज्य विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है| इनके परिवार से अकबर का वैवाहिक संबंध स्थापित हुआ जिससे अकबर ने हिंदुओं से उदारता का व्यवहार करते हुए जजिया कर समाप्त कर दिया| महाराणा प्रताप के विरोध अकबर की विजय मानसिंह ने ही दिलाई थी| सम्राट अकबर की ओर से इन्होंने काबुल, बंगाल तथा बिहार प्रदेश पर सफल सैनिक अभियान चलाए थे| और इनकी मृत्यु 1611 में हुई थी|
6. राजा टोडरमल :
इनका जन्म अवैध के जिला सीतापुर के तहसील लहरपुर में हुआ था| अकबर के यहां आने से पूर्व यह शेरशाह सूरी के यहां नौकरी करते थे, यह 1562 में अकबर की सेना में भर्ती हुए| 1572 में इन्हें गुजरात का दीवान बनाया गया, इनकी प्रतिष्ठा का मुख्य कारण इनके द्वारा किए गए भूमि सुधार थे|
- दीवान-ए-असरफ के पद पर रहकर इन्होंने भूमि सुधार की सफल योजना चलाई| उन्होंने कई युद्धों में भी भाग लिया, यह अपने धर्म के कट्टर समर्थक थे इसलिए उन्होंने दिन-ए-इलाही धर्म अविष्कार कर दिय| इनकी मृत्यु 1579 में हुई.
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7. फैजी :
यहां अबुल फजल के बड़े भाई थे, फैजी उच्च कोटि के कवि लेखक थे| सम्राट अकबर ने इन्हें राजकवि के पद पर आसीन किया था | उन्होंने महाभारत वह भागवतगीता का फारसी अनुवाद किया व अकबरनामा नामक ग्रंथ की भी रचना इन्होंने ही की थी |
- यह दिन-ए-इलाही धर्म के कट्टर समर्थक थे| गणित की प्रसिद्ध पुस्तक लीलावती का फारसी में अनुवाद किया, और इनकी मृत्यु 1595 ईस्वी में हुई थी|
8. हकीम हुमाम :
ये अकबर के विश्वासपात्र मित्र थे| अकबर के रसोई घर का प्रबंध करना उनकी जिम्मेदारी थी अकबर ने प्रसन्न होकर इन्हें अपने नवरत्न में शामिल कर लिया था|
9. मुल्ला दो प्याजा :
ये अरब के रहने वाले थे| और इन्हें भोजन में दो प्याज बहुत पसंद थे, इसलिए अकबर ने इनका नाम मुल्ला दो प्याजा रख दिया| अपनी बुद्धिमानी वह वाकपटुता के कारण नवरत्न में शामिल किए गए|
तो दोस्तो अब हम आपको इन नवरत्नों के नाम याद करने की GK Tricks बता रहे हैं, जो सभी परीक्षा उपयोगी है ;-
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Akbar ke 9 Ratan Gk Trick in Hindi
BAT BAT MDH ( इस ट्रिक को याद करने के लिये आप सोचिये कि MDH मसाले बाले चाचाजी के पास एक बैट (BAT) है जिससे वो मसाला कूटते हैं ) Akbar ke 9 Ratan आसानी से याद करे !!
Explanation :-
B = Birbal (बीरबल )
A = Abul Fazal ( अबुल फजल )
T = Tansen ( तानसेन )
B = Bhagvandas (भगवान दास)
A = Abdul Rahim Khane Khana (अब्दुल रहीम खाने खाना )
T = Todarmal (टोडरमल )
M = Manshingh (मानसिंह)
D = Do Pyaja Mulla (मुल्ला दो प्याजा)
H = Hakim Hukkam (हकीम हुक्काम)
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Thanks taiyarihelp plz aap subjects wise pdf provide kar sakte hai
Okay…. You Can Visit Regularly Website..
Hi it was enough
Thanks .
Thanks Ajeet…
अबुल फजल का जन्म 1950 लिखें हैं। कुछ ज्यादा ही जवान नहीं बना दिया?
आपने भगवान दास के बारे में कुछ नहीं बताया