होली 2022 रंगों का त्योहार पर निबंध : Holi Essay 2022 in Hindi
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(Holi Essay 2022 in Hindi): होली भारत का एक प्रमुख हिंदू त्योहार है, जिसे फाल्गुन के हिंदू कैलेंडर महीने में मनाया जाता है। आपको बता दें कि यह त्यौहार एक रात और एक दिन तक चलता है, जिसकी शुरुआत फाल्गुन में पूर्णिमा (पूर्णिमा के दिन) से होती है। होली खुशी और प्यार का त्योहार है जिसे भारतीय उप-महाद्वीप में विशेष रूप से भारत और नेपाल में मनाया जाता है।
होली का त्यौहार आते ही बहुत से स्कूल और कॉलेज में होली के ऊपर निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है जिस दौरान बहुत से छात्र होली हिंदी निबंध (Holi 2022 Essay in Hindi) प्रतियोगिता में भाग लेते हैं। इस लेख के माध्यम से होली का निबंध हिंदी में उपलब्ध करा रहें हैं। जो होली का निबंध हिंदी (2022 Essay on holi in Hindi)में लिखने में मदद करेगा।
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Essay on Holi in hindi (Holi par nibandh)
होली को रंगों के त्योहार के रूप में जाना जाता है जो भारत के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह त्यौहार हर साल मार्च के महीने में हिंदू धर्म के लोगों द्वारा बड़े ही उत्साह और धूम-धाम के साथ के साथ बनाया जाता है। होली के त्यौहार को मानाने वाले लोग हर साल रंगों के साथ खेलने और स्वादिष्ट व्यंजनों का बेसब्री से इंतजार करते हैं। होली एक ऐसा त्यौहार है |

जिसे हर कोई अपने दोस्तों व परिवार के साथ हर्ष और उल्लास के साथ मनाता है। लोग इस दिन अपने जीवन की सभी परेशानियों को भूल जाते हैं और और इस भाईचारे के त्यौहार को मानाने आनंद लेते हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो इस दिन हर कोई अपनी दुश्मनी भूल जाने हैं और त्योहार मानाने में लिप्त हो जाते हैं। होली को रंगों का त्योहार इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस दिन लोग रंगों के साथ खेलते हैं और एक-दूसरे के चेहरे पर रंग लगाते हैं।
होली के त्यौहार का इतिहास (Essay on Holi in hindi)
होली का त्यौहार हर साल बड़ी धूम-धाम के साथ मनाया जाता है जिसके पीछे हिंदू धर्म की पौराणिक कथा है। इस कथा के अनुसार हिरण्यकश्यप नाम का एक शैतान राजा था। उसका एक पुत्र था जिसका नाम प्रह्लाद था और एक बहन थी जिसका नाम होलिका था। ऐसा माना जाता है कि राजा हिरण्यकश्यप के पास भगवान ब्रह्मा का वरदान प्राप्त था। यह वरदान इतना शक्तिशाली था कि कोई भी आदमी, जानवर या हथियार हिरण्यकश्यप को नहीं मार सकता था। लेकिन इस वरदान ने हिरण्यकश्यप के लिए अभिशाप बन गया क्योंकि वह बहुत घमंडी हो गया था। उसने अपने राज्य के लोगों को भगवान के बजाय उसकी पूजा करने का आदेश दिया यहां तक कि उसने अपने पुत्र को नहीं बख्शा।
[better-ads type=”banner” banner=”4621″ campaign=”none” count=”2″ columns=”1″ orderby=”rand” order=”ASC” align=”center” show-caption=”1″][/better-ads]इसके बाद उसके बेटे को छोड़कर सभी लोग उसकी पूजा करने लगे। प्रह्लाद ने भगवान के बजाय अपने पिता की पूजा करने से इनकार मन कर दिया क्योंकि वह भगवान विष्णु का बहुत बड़ा भक्त था। भगवान के प्रति यह अटूट भक्ति देखकर राजा ने अपनी बहिन होलिका के साथ मिलकर प्रह्लाद को मारने की योजना बनाई। प्रहलाद को मरने के लिए राजा ने उसे अपनी बहन होलिका के साथ आगे में बैठाया, लेकिन होलिका जल गई और प्रह्लाद सुरक्षित बच गया। कथा के अनुसार प्रह्लाद विष्णु भगवान का सच्चा भक्त था इसलिए उन्होंने उसे बचा लिया।
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होली का उत्सव :-
होली का उत्सव उत्तर भारत में विशेष रूप से बड़े ही उत्साह और धूम धाम के साथ मानते हैं। होली के एक दिन पहले, लोग ‘होलिका दहन’ नामक अनुष्ठान करते है। इसमें सभी लोग सार्वजनिक क्षेत्रों में लकड़ी के ढेर को जला देते हैं, जिसे होलिका दहन के रूप में जाना जाता है। यह होलिका के साथ बुराइयों को जलाने का प्रतीक है। इसके अलग लोग होलिका के चारों ओर आशीर्वाद लेने और भगवान के प्रति अपनी भक्ति को प्रदर्शित करने के लिए एक साथ इकट्ठा होते हैं।
रंगों की होली :-
होलिका दहन के बाद अगला दिन काफी रंगीन होता है। लोग इस दिन सुबह उठने के बाद भगवान की पूरा करते हैं। फिर सफेद कपड़े पहन कर रंगों से खेलते हैं। यह त्यौहार बच्चों को बहुत पसंद आता है। होली के दिन बच्चे एक दूसरे पर रंग और पानी छिड़कते हैं। बच्चे रंग डालने के लिए पिचकारी उपयोग करते करते हैं। इस दिन घर के बड़े लोग भी बच्चे बन जाते हैं और एक दूसरे को रंग लगाते हैं। दिन में रंगों की होली खेलने के बाद लोग स्नान करते हैं और फिर अपने दोस्तों व रिश्तेदारों से मिलने के लिए जाते हैं। होली के दिन कुछ लोग दिन भर नाच गाना करते हैं और एक विशेष पेय पीते हैं जिसे भांग के नाम से जाना जाता है।
संक्षेप में कहें तो होली प्रेम और भाईचारा के त्यौहार है क्योंकि यह देश में सद्भाव और खुशी लाता है। होली बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यह रंगीन त्योहार देश के लोगों को एकजुट करता है और जीवन से सभी तरह की नकारात्मकता को दूर करता है।
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होली का त्यौहार हिंदू धर्म में मनाया जाने वाला त्योहार है। प्रत्येक वर्ष होली फाल्गुन मास में मनाया जाता है और होली का त्यौहार खुशियों का त्योहार है। होली के दिन रंग-बिरंगे रंगो और पानी के गुब्बारों के साथ खेला जाता है। बच्चों के अंदर होली को लेकर अत्यंत खुशी होती है और यह सुबह से ही शुरू हो जाती है।
जब बच्चे होली खेलने के लिए अपने घरों से बाहर निकलते हैं और रास्ते में आने जाने वाले हर किसी के ऊपर गुब्बारों की बौछार कर देते है। बच्चों को होली मनाना सबसे ज्यादा पसंद होता है।
होली से 1 दिन पहले छोटी होली आती है जिसे होलिका दहन कहते है। प्राचीन काल से यह प्रथा आज भी कायम है और प्रत्येक वर्ष इस प्रथा को दोहराया जाता है और स्कूलों में भी छोटी होली का त्योहार मनाया जाता है।
बड़ी होली के दिन बच्चे अपने घरों में अपने परिवार के साथ और रिश्तेदारों के साथ मित्रों के साथ होली का त्योहार मनाते है। इस दिन घरों में कई प्रकार के पकवान बनते है और अपने सभी रिश्तेदारों और पड़ोसियों के घर होली के त्यौहार के दिन एक दूसरे के घर जाकर रंगों को लगाया जाता है।
[better-ads type=”banner” banner=”7586″ campaign=”none” count=”2″ columns=”1″ orderby=”rand” order=”ASC” align=”center” show-caption=”1″ lazy-load=””][/better-ads]रंग लगाकर और गले मिलकर उन सभी गिले-शिकवे को खत्म किया जाता है। होली का त्योहार इसीलिए रंगों का त्योहार कहलाया जाता है। सभी रंगों में एक दूसरे को देखते है तो एक दूसरे जैसे नजर आते है। इसलिए रंगों का त्योहार एक समानता का त्यौहार भी है।