“भारत में सरकार की प्रणाली संसदीय व्यवस्था की जानकारी”

Indian Parliamentary System in Hindi आज की इस लेख में हम आपको “भारत में सरकार की प्रणाली संसदीय व्यवस्था” की पूरी जानकारी इस आर्टिकल के माध्यम से बताएगे. जैसा की आप सभी जानते होगे की, Indian Parliamentary System से सम्बंधित अक्सर प्रतियोगी परीक्षा में प्रश्न पूछे जाते है| इस लिए आज हमारी Team (bhartiya sansad in hindi) भारत में सरकार की प्रणाली की सम्पूर्ण जानकारी लेकर आई है| जिसे आप सभी निचे विस्तार से पढ़ सकते है|

Indian Parliamentary System ki Jankari 

लोकतांत्रिक देश में, सरकार या तो ब्रिटिश मॉडल की संसदीय प्रणाली की होती है या अमेरिकी मॉडल की अध्यक्षीय प्रणाली होती है| भारत में अवश्यक परिवर्तन के साथ ब्रिटिश मॉडल की संसदीय प्रणाली को अपनाया गया है|

भारतीय संविधान में संघात्मक प्रणाली के अंतर्गत केंद्र एवं राज्य दोनों अपनी शक्तियां सीधे संविधान से प्राप्त करती है| केंद्र स्तर पर सरकार के 3 अंगों में (कार्यपालिका, विधायिका, न्यायपालिका) किसी को स्वोर्च्चता न देकर संविधान को स्वोर्च्च माना गया है|सुप्रीम कोर्ट को सरकार के विभिन्न अंगों की समीक्षा की शक्ति देने के कारण इसे महत्वपूर्ण बना दिया गया है|

Indian Parliamentary System शासन की संसदीय प्रणाली के कारण कार्यपालिका के केंद्र में दो प्रमुख होते हैं| इस प्रणाली में कार्यपालिका(मंत्री परिषद) सामूहिक रूप से संसद के प्रति उत्तरदाई है| संसदीय प्रणाली में अमेरिका की अध्यक्षीय प्रणाली की तुलना में तुलना में अस्थिरता ( instability) है|

भारत की संसदीय प्रणाली ब्रिटिश मॉडल से प्रेरित किंतु परिवर्तन के साथ स्थापित की गई| ब्रिटेन में संसद सवोर्च्च है, जबकि भारत में संविधान को सवोर्च्च मानते हैं ब्रिटेन में अनुवांशिक राष्ट्रपति राजा होते हैं जबकि भारत में राष्ट्रपति निर्वाचित होता है|

संसदीय सरकार की रूपरेखा

भारतीय लोकतंत्र की एक विशेषता है कि यहां निरंकुशता (Despotism) को कोई स्थान नहीं है| संविधान को स्वच्छ दर्जा यहां प्राप्त है| सरकार के सभी अंग अर्थात विधायक (ब्रिटेन में सर्वोच्च) कार्यपालिका एवं न्यायपालिका (अमेरिका में सर्वोच्च) सभी संविधान के अधीन है| सभी व्यक्ति विधि एवं नयायालय के समक्ष समान है|

सरकार के सभी अंग (केंद्र एवं राज्य) संविधान द्वारा प्रद्त्त्त शक्तियों एवं अधिकारों का प्रयोग करते हैं, तथा व्यक्ति के आधारों के हित में मर्यादित संतुलन स्थापित करते हैं| अर्थात लोग कार्यपालिका (lok karyapalika) राज्य का निर्माण ही हमारी सरकारों का  मुख्य लक्ष्य तथा यह दिशा में प्रयास रचनात्मक रहे हैं|

नोट : भारतीय संविधान अन्य तथ्यों पढ़ना चाहते हैं, किसी भी टॉपिक पर (हमें Comment कर के बताए) हमारी एक्सपर्ट टीम जल्दी आप सभी के लिए, आपके मनपसंदीदा Topics पर आर्टिकल Notes जल्दी Provide कर आएगी|

इनको भी जरुर पढ़े :

2 Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *