Indus Valley Civilisation History in Hindi (सिंधु घाटी सभ्यता)

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Indus Valley Civilisation History

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Indus Valley Civilisation History in Hindi (सिंधु घाटी सभ्यता)
सिंधु घाटी सभ्यता

-: परिचय – Introduction

  • सिंधु-घाटी सभ्यता की तिथि 2400-1700 ईसा पूर्व मानी गयी है। रायबहादुर दयाराम साहनी ने सन 1921 में सिंधु-घाटी सभ्यता की खोज की थी।
  •  सिंधु-घाटी सभ्यता का विस्तार गंगा,यमुना,नर्मदा और ताप्ती की घाटियों तक था। यह उत्तर में पंजाब के रोपड़ जिले (पाकिस्तान) से दक्षिण में नर्मदा घाटी तक तथा पश्चिम में ब्लुचिस्तान के मकरान तट से उत्तर पश्चिम में मेरठ तक विस्तृत थी। इसका क्षेत्र त्रिभुजाकार था।
  • 1922-23 ई. में मोहनजोदड़ो के उत्खनन का कार्य राखालदास बनर्जी ने किया था। इस सभ्यता का नाम हड़प्पा सभ्यता पड़ा। यह हड़प्पा सभ्यता का ज्ञात अब तक का सबसे वृहद स्थल है।
  • सिंधु-घाटी सभ्यता या हड़प्पा सभ्यता नगरीय सभ्यता थी।
  • सिंधु-घाटी सभ्यता से प्राप्त परिपक़्व बाले स्थलों में 6 को ही बड़े नगर की संज्ञा दी –मोहनजोदड़ो,हड़प्पा,गड़वारीवाला,धौलावीरा,राखीगढ़ी एवं कालीबंगन
  • स्वतन्त्रा-प्राप्ति पश्चात् सिंधु-घाटी सभ्यता के सर्वाधिक स्थल गुजरात में मिले। सिंधु-घाटी सभ्यता का सबसे बड़ा स्थल मोहनजोदड़ो है,जबकि भारत में सबसे बड़ा स्थल राखीगढ़ी है, इसकी खोज 1969 ई. में सूरजभान ने की थी।
  • सिंधु-घाटी सभ्यता के बन्दरगाह लोथल एवं सुतकोतदा है।
  • कालीबंगन जुते हुए खेत नक्काशीदार ईटो के प्रयोग के साक्ष्य प्राप्त हुए।
  • स्नानगार सिंधु-घाटी सभ्यता की सबसे बड़ी ईमारत है, इसकी लम्बाई 11.88 व चौड़ाई 7.01 मीटर और 2.43 मीटर गहरा है।

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indus valley civilization facts in Hindi

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  • नगर नियोजन इस सभ्यता की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता थी। नगर वर्गाकार अथवा आयताकार थे और सड़के एक दुसरे को समकोण पर काटती थी।
  • कालीबंगन और लोथल से अग्निकुंड प्राप्त हुए थे। * यहाँ पर पशुपतिनाथ,महादेव,लिंग,योनिपशुओ की पूजा की जाता है
  • सिंधु-घाटी सभ्यता की लिपि भावचित्रात्मक थी। यह लिपि दायीं से वायीं और लिखी जाती थी, और यह तरीका बुस्टरोफेेन्दम कहताला है
  • सिंधु-घाटी सभ्यता के घरो के दरवाजे और खिड़की सड़क की और न खुलकर पीछे खुलते थे। लोथल नगर के घरो के केवल दरवाजे और खिड़की सड़क की ओर खुलते थे।
  • Sindhu Ghati Sabhyata की मुख्य फसल गेहूं और जौ थी। रंगपुर एवं लोथल से चावल के दाने मिले,जिनसे धान की खेती होने का प्रमाण मिलता है लेकिन चावल के पहला साक्ष्य लोथल से प्राप्त हुए थे।
  • मिट्टी से बने हल का साक्ष्य बनमाली से मिला था। सिंधु-घाटी सभ्यता के लोग मिठास के लिए शहद का प्रयोग करते थे।
  • सिंधु-घाटी सभ्यता के लोग धरती को उर्वरता की देवी मानते थे। सिंधु-घाटी सभ्यता मातृ सत्तात्मक थी,लेकिन इस सभ्यता में सबसे ज्यादा मातृदेवी की उपासना होती थी।
  • वृक्ष पूजा और शिव पूजा के साक्ष्य भी सिंधु-सभ्यता से ही मिलते है।
  • पशुओं में कुबड़ बाला सांड सिंधु-घाटी सभ्यता में सबसे प्रिय था।
  • मनोंरजन के लिए सिंधु-घाटी सभ्यता के लोग मछली पकड़ना,शिकार खेलना,पशु-पक्षियों को आपस में लड़ाना,चौपड़ खेलना और पासा खेलना आदि साधनो का प्रयोग करते थे।
  • पर्दा-प्रथा एवं वेश्यावृति सिंधु-घाटी सभ्यता में प्रचलित थी।
  • भारत का सबसे पुराना नगर मोहनजोदड़ो था, जिसका अर्थ है – मृतकों का टीला।
  • विश्व में सर्वप्रथम यही के निवासियों ने कपास के खेती प्रारम्भ की थी। ग्रीक वासियो ने कपास को ग्रीक भाषा में सिंडन कहा तथा इस सभ्यता को सिंडन सभ्यता।
  • हड़प्पा सभ्यता के अंत का संभवत: कारण बाढ़ को माना जाता है।

सिंधु-घाटी सभ्यता के विदेशी व्यापार :-

  • ताँवा – ब्लूचिस्तान,ओमान,खेतड़ी
  • चांदी – अफगानिस्तान,ईरान
  • सोना – कर्नाटक,अफगानिस्तान,ईरान
  • टिन – अफगानिस्तान,ईरान
  • सीसा – ईरान

अन्य History नोट्स :-

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