दोस्तों आज के इस लेख में हम भौतिक विज्ञान के महत्वपूर्ण टॉपिक के बारे में चर्चा करेंगे, आखिर what is sound Waves, Type of Sound (ध्वनि तरंगे) क्या है, ध्वनि तरंग की परिभाषा क्या है, ध्वनि तरंग का उपयोग किस लिए किया जाता है, यह टॉपिक फिजिक्स के लिए इतना महत्वपूर्ण क्यू है आदि सभी जानकारी इस लेख के माध्यम से हम आपको बताएंगे | आप सभी विद्यार्थी इस टॉपिक्स को अवश्य अच्छे से जरुर पढ़िए, आपकी आने वालीआगामी दसवीं, बारहवीं & एंट्रेंस एग्जाम एवं अन्य परीक्षाओं के लिए उपयोगी साबित होगी |
What is Sound Waves ?
ध्वनि तरंग अनुद्धैर्य यांत्रिक तरंगे होती है, जिन यांत्रिक ध्वनि तरंगो की आवृति 20Hz से 2000Hz तक होती है, और उनकी अनुभूति हमे कानो द्वारा होती है। ध्वनि तरंगे कहलाती है।
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frequency range of sound waves :-
- अवश्रव्य तरंगे (Infrasonic Waves) : 20Hz से नीचे की आवृति वाली ध्वनि तरंगो को अवश्रव्य तरंगे (Infrasonic Waves) कहते है। इसे हमारे कान सुन नहीं सकते। इस प्रकार की तरंगो को बहुत बड़े आकार के स्रोतो से उत्पन्न किया जाता है।
- श्रव्य तरंगे (Audible Waves) : 20Hz से 20,000Hz के बीच की आवृति वाली तरंगो को श्रव्य तरंग (Audible Waves) कहते है। इन तरंगो को हमारा कण सुन सकता है।
- पराश्रव्य तरंगे (Ultrasonic Waves) : 20,000Hz से ऊपर की आवृति वाली ध्वनि तरंगो को पराश्रव्य तरंग (Ultrasonic Waves) कहते है। मनुष्य के कान इसे सुन नहीं सकते, लेकिन कुछ जानवर जैसे- कुत्ता,बिल्ली,चमगादड़ आदि इसे सुन सकते है। इन तरंगो को गाल्टन की सीटी द्वारा तथा दाब विधुत प्रभाव की विधि द्वारा क्वाटर्ज के क्रिस्टल के कम्पन्नों से उत्पन्न करते है। इस तरंगो की आवृति बहुत अधिक होने के कारण इनमे बहुत अधिक ऊर्जा होती है। साथ ही इनका तरंगद्धैर्य छोटी कारण इन्हे एक पतले किरण-पुंज के रूप में बहुत दूर तक भेजा जा सकता है।
use of ultrasonic waves in hindi :-
- संकेत भेजने में
- समुद्र की गहराई का पता लगाने में
- कीमती कपड़ो, वायुयान तथा घडी के पुर्जे को साफ करने में
- कारखानों की चिमनियों से कालिख हटाने में
- दूध के अंदर हानिकारक जीवाणुओं को नष्ट करने में
- गठिया रोग के उपचार तथा मस्तिष्क के ट्यूमर का पता लगाने में
Speed of Sound : ध्वनि की चाल
- बिभिन्न माध्यमों में ध्वनि की चाल भिन्न-भिन्न होती है। किसी भी माध्यम में ध्वनि की चाल मुख्यत: माध्यम की प्रत्यास्था तथा घनत्व पर निर्भर करती है।
- ध्वनि की सबसे अधिक चाल ठोस पदार्थ में, उसके बाद द्रव में और उसके बाद गैस में होती है।
- वायु में ध्वनि की चाल 332 m/s, जल में ध्वनि की चाल 1483 m/s और लोहे में ध्वनि की चाल 5130 m/s होती है।
- जब ध्वनि एक माध्यम से दुसरे माध्यम में जाती है, तो ध्वनि की चाल व तरंगद्धैर्य बदल जाती है, जबकि आवृति नहीं बदलती है।
- किसी भी माध्यम में ध्वनि की चाल आवृति पर निर्भर नहीं करती है।
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ध्वनि के चाल पर दाब का प्रभाव : Effect of pressure on the speed of sound
- ध्वनि की चाल पर दाब का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। अर्थात दाब घटाने या बढ़ाने पर ध्वनि की चाल बदलती नहीं है।
Effect of Heat on Speed of Sound : ध्वनि की चाल पर ताप का प्रभाव :-
- माध्यम का ताप बढाने पर उसमे ध्वनि की चाल बढ़ जाती है। वायु में प्रति 1० C ताप बढ़ाने पर ध्वनि की चाल 0.61 m/s बढ़ जाती है।
ध्वनि की चाल पर आद्रर्ता का प्रभाव : Effect of humidity on speed of sound
- नमीयुक्त वायु का घनत्व, शुष्क वायु के घनत्व से कम होता है, अतः शुष्क वायु की अपेक्षा नमी-युक्त वायु में ध्वनि की चाल अधिक होती है।
ध्वनि तरंगे के लक्षण Signs of sound in hindi:-
आप सभी विद्यार्थियों को बता दे की ध्वनि के मुख्य तीन लक्षण होते हैं जो कुछ इस प्रकार के हैं :-
- प्रबलता (loudness)
- तारत्व (Pitch)
- गुणता (Quality)
विद्यार्थी आप सभी (प्रबलता तारत्व गुणता) के बारे में संपूर्ण जानकारी नीचे दिए लेख के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं :-
- प्रबलता (loudness) : प्रबलता ध्वनि का अभिलक्षण है, जिसके कारण कोई ध्वनि तेज या धीमी सुनाई देती है। ध्वनि की प्रबलता स्तर व्यक्त करने का मात्रक फोन है।
- तारत्व (Pitch) : तारत्व ध्वनि का वह लक्षण है, जिससे ध्वनि को मोटी (Grave) या पतली (shrill) कहा जाता है। तारत्व आवृति पर निर्भर करता है। ध्वनि की आवृति अधिक हो जाने पर तारत्व अधिक होता है, एवं ध्वनि पतली (Shrill) होती है। वही आवृति कम होने पर तारत्व कम होता है एवं ध्वनि मोटी (Grave) होती है।
- गुणता (Quality) : गुणता ध्वनि का वह लक्षण है, जिसके कारण हमे समान प्रबलता तथा समान तारत्व की ध्वनियों में अंतर प्रतीत होता है, गुणता कहलाता है। ध्वनि की गुणता संनादि स्वरों की संख्या, क्रम तथा आपेक्षिप तीव्रता पर निर्भर करती है।
Note : ध्वनि तरंगे क्या है ? What is Sound Waves, Type of Sound in Hindi आदि की जानकारी आप सभी को प्राप्त हो गई होगी | आपको बता दें कि यह टॉपिक आपके परीक्षा के लिए उपयोगी सिद्ध हो सकती है, इसलिए विद्यार्थी इस टॉपिक को विशेष रूप से जरूर पढ़ें :-