नमस्कार दोस्तों, आज में आप सभी को इस आर्टिकल में बताऊंगा न्यूट्रॉन की खोजकर्ता किसने किया और कब किया (Neutron Ki Khoj Karta Ka Naam) Neutron ki khoj karta kisne kiya, Neutron Ka Avishkar Kisne Kiya, Neutron ki khoj Kaise Hua और Neutron Kya Hai Puri Jankari के बारे में बताएंगे ! कि आखिर न्यूट्रॉन की खोज कैसे हुई| तो चलिए पढ़ते हैं विस्तार से क्या कब और कैसे हुआ|
Neutron ki khoj karta kisne kiya (न्यूट्रॉन की खोजकर्ता किसने किया)
न्यूट्रॉन की खोजकर्ता जेम्स चैडविक है.
Neutron Ka Avishkar Kisne Kiya
जेम्स चैडविक को दुनिया एक ऐसे शख्स के तौर पर जानते हैं, जिन्होंने न्यूट्रॉन की खोज की थी| इस दिग्गज अंग्रेज भौतिकी शास्त्री का जन्म मैनचेस्ट (इंग्लैंड में हुआ था). और उनकी शिक्षा मुख्य रूप से मैनचेस्ट हुई थी|
वहां वह कैंब्रिज विश्वविद्यालय के छात्र थे| सन 1923 के बाद चैडविक ने रदरफोर्ड प्रयोगशाला में तत्वों के रूपांतरण पर कार्य किया| इसमें तत्वों के नागरिकों पर अल्फा कणों की बौछार की जाती थी, जिससे एक तत्व दूसरे तत्व में बदल जाते था | उन्हीं अध्ययनों में चैडविक को परमाणु के नाभिको का गहराई से अध्ययन करने का अवसर मिला|
जेम्स चैडविक को सन 1927 में रॉयल सोसायटी का फेलो नियुक्त किया गया | 1932 में उन्होंने यह प्रदर्शित कर दिखाया की बेरिलियम नामक तत्व पर अल्फा कणों की बौछार करने से जो कण निकलती है, उनका द्रव्यमान लगभग प्रोटॉनो के बराबर होता है लेकिन उन पर कोई आवेश नहीं होता है| इस चीज को देख-कर चैडविक जी ने इन कणों का नाम “न्यूट्रॉन” रखा था|
उन्होंने इन कणों के दूसरे ग्रुप का भी अध्ययन किया| इस अविष्कार के लिए उन्हें सन 1935 में भौतिक में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया| न्यूट्रॉन की खोज के कारण ही परमाणु बम जैसे विनाशकारी सत्र का अविष्कार भी संभव हुआ है, क्योंकि न्यूट्रॉन कणों मैं परमाणु के अंदर प्रवेश करने की क्षमता होती है|
इन्हीं कणों की खोज के आधार पर न्यूट्रॉन बम का आविष्कार हुआ है इन्हीं कणों की खोज के लिए जिम चैडविक जो को सन 1932 में ह्युज मेडल भी प्रदान किया गया था|
जेम्स चैडविक ने जर्मनी के प्रसिद्ध भौतिक शास्त्री हेंस गीगर के साथ भी कार्य किया था| गीगर रेडियोधर्मी क्रियाओं को समझने के लिए “गीगर काउंटर” का आविष्कार किया| श्रृंखला प्रक्रियाओं पर भी चैडविक जी ने काफी काम किया था|
इन्हीं प्रक्रियाओं के फलस्वरूप परमाणु विखंडन संभव हो सका| जेम्स चैडविक जी ने सर्वप्रथम समस्थानिक के अस्तित्व की विवेचना की थी, उन्होंने यह बताया था कि जब किसी सम्मान प्रोटॉन की संख्या वाले नाभिको के न्यूट्रॉन की संख्या आसमान होती है, तो ऐसे नाभिको को उस तत्व का समस्थानिक भी कहा जाता है|
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