Alankar Notes : प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने के लिए हिन्दी व्याकरण यानि अलंकार Topics का एक अपना ही महत्व रहता है| जिससे प्रतियोगी परीक्षा में बहुत ज्यादा मात्रा में प्रश्न पूछे जाते हैं| आज हम आप सभी के लिए इस आर्टिकल में जरिए बताएंगे कि “अलंकार क्या है? Alankar Notes In Hindi“ जो की परीक्षा की दृष्टि से बहुत ही महत्व रखता है| तो आप सभी प्रतियोगी छात्राएं नीचे दिए गए alankar ke udaharan को ध्यान से समझें, ताकि परीक्षा के वक्त आप सभी को कोई दिक्कत का सामना ना हो| और आप सभी विद्यार्थी निचे दिए गए लिनक्स के माध्यम से Alankar Notes PDF Download करके भी अपनी परीक्षा की तैयारी अच्छे से कर सकते है |
- जरुर पढ़े : UPPCS Important Books in Hindi Medium
- जरुर पढ़े : GK Tricks चिकित्सा संबंधी आविष्कार पाने वाले महान व्यक्तियों के नाम
अलंकार क्या है?
Alankar Notes – अलंकार का अर्थ होता है, आभूषण या शृंगार| आचार्य वामन के अनुसार जो किसी वस्तु को अलंकृत करें, वह अलंकार कहलाता है| अत: काव्य आभूषण अर्थात सौंदर्य-वर्धक गुण अलंकार कहलाते हैं|
- जरुर पढ़े : Unique Publication General Hindi Book PDF
- जरुर पढ़े : Aditya Publication General Hindi Book PDF Download
Alankar Notes In Hindi
हम आप सभी को बता दे कि अलंकार से संबंधित प्रतियोगी परीक्षा में प्रश्न पूछे जाते हैं जैसे UPSSSC Hindi Notes, Entrance Exam की तैयारी करने के लिए, and Other परीक्षाओं में भी पूछे जाते हैं| आप सभी विद्यार्थी ध्यान से पढ़ें | Alankar Notes PDF Download
अलंकारों के भेद : काव्य में शब्द और अर्थ दोनों की बराबर सत्ता रहती है| जहां सब के कारण काव्य में चमत्कार उत्पन्न होता है, वहां शब्दालंकार होता है| जहां अर्थ के कारण काव्य में आकर्षण आता है, वहां अर्थालंकार होता है|
शब्दालंकार – शब्दों में पाए जाने वाले अलंकार अनेक हैं| उनमें से कुछ प्रमुख अलंकार इस प्रकार हैं –
- अनुप्रास अलंकार
- यमक अलंकार
- श्लेष अलंकार
अनुप्रास अलंकार : जहां वर्ण एवं व्यंजन की आवृत्ति के कारण काव्य में चमत्कार उत्पन्न होता है, वहां अनुप्रास अलंकार होता है|
जैसे – कल कानन कुंडल मोरपखा, उर पे बनमाल विराजित है|
a. क व्यंजन की आवृत्ति
b. विमल वाणी ने वाणी ले (‘व’ की आवर्ती)
c. मुदित महीपति मंदिर आए| सेवक सचिव सुमंत्र बुलाए|
यमक अलंकार : जहां एक शब्द बार बार आए बदल जाए वहां पर यमक अलंकार होता है|
जैसे:
a. काली घटा का घमंड घटा| (घटा-बादल, घटा – कम हुआ)
b. कहे कवि बेनी बेनी ब्याल की चतुराई लीनी| (बेनी-कवि का नाम, बेनी-चोटी)
- जरुर पढ़े : UPSSSC VDO GK Notes in Hindi
- जरुर पढ़े : GK Environment Notes in Hindi
श्लेष अलंकार : जहां एक शब्द के एक से अधिक अर्थ निकले, वहां श्लेष अलंकार होता है|
जैसे :
a. जो रहीम गति दीप की, कुल कपूत गति सोई| बारे उजियारे करें, बढ़े अंधेरो होई|
यहां ‘बारे’ शब्द के दो अर्थ हैं- ‘ जलाने पर’ तथा ‘बचाने में’| ‘बढे’ के दो अर्थ है- ‘बड़ा होने’ पर तथा ‘बुझने पर’ |
b. सुबरन को खोजत फिरत कवि, व्यभिचारी चोर | यहां साबुन का अर्थ है – अच्छे वर्ण, सुंदर स्त्री, सोना|
अर्थालंकार कितने प्रकार के होते है ?
अर्थालंकार 10 प्रकार के होते है, जो कुछ इस प्रकार के है-
- उपमा अलंकार
- रूपक अलंकार
- उत्प्रेक्षा अलंकार
- अतिशयोक्ति अलंकार
- अन्योक्ति अलंकार
- भ्रांतिमान अलंकार
- संदेह अलंकार
- व्यतिरेक अलंकार
- विरोधाभास अलंकार
- मानवीकरण अलंकार
उपमा अलंकार : जब किसी वस्तु या व्यक्ति की विशेषताओं दर्शाने के लिए उसकी समानता उसी गुण के समान किसी अन्य वस्तु या व्यक्ति से की जाती है, वह उपमा अलंकार के लाती है|
जैसे :
a. उस्मान-सुनहले तीर बरसती, जय-लक्ष्मी उदित हुई|
b. असंख्य कितिर रश्मियां विकिन दिव्य दाह सी|
c. नीलकमल से सुंदर नैन |
रूपक अलंकार : जहां खून की अत्यंत समानता दर्शाने के लिए उपमेय और उपमान को ‘अभिन्न’ कर दिया जाए, वहां पर रूपक अलंकार कहलाता है|
जैसे :
a. मैया मैं तो चंद्र खिलौना लेहों|
b. एक राम घनश्याम हित चातक तुलसीदास|
c. पायोजी मैंने राम-रतन धन पायो|
- जरुर पढ़े : Solar System GK Notes in Hindi
- जरुर पढ़े : Biology जीव विज्ञान Important Question
उत्प्रेक्षा अलंकार : जहां उपमेय और उपमान की समानता के कारण उपमेय में उपमान की संभावना की जाए, उत्प्रेक्षा अलंकार कहता है| इसके वाचक शब्द है- मनु, मानो, जनु, जानहु,मानहु आदि|
जैसे:
a. पाहून ज्यों आए हो, गांव में शहर के|
b. मनु दुग फारी अनेक जमुन निरखत ब्रज शोभा|
अतिशयोक्ति अलंकार : जहां किसी गुण या स्थिति का बड़ा चढ़ाकर वर्णन किया जाए वहां पर अतिशयोक्ति अलंकार कहलाता है |
जैसे :
a. देख लो साकेत नगरी है यही| (स्वर्ग से मिलने गगन में जा रही)
b. कढत साथ ही म्यान ते| असि रिपु तन ते प्रान|
अन्योक्ति अलंकार : जहां किसी युक्त के माध्यम से किसी अन्य को कोई बात कही जाए, वहां पर अन्योक्ति अलंकार होता है|
जैसे :
a. फूलों के आस-पास रहते हैं| (फिर भी कांटे उदास रहते हैं)
b. नहिं पराग नहिं मधुर मधु, नहिं विकास इहि काल| (अली कली ही सो बध्यों, हो आगे कौन हवाल)
भ्रांतिमान अलंकार :
सादृश्य के कारण एक वस्तु को दूसरी वस्तु समझलेना|
जैसे:
a. फिरत धरन नूतन पथिक, चले चकित चित भागि| (फूल्यो देखि प्लस वन, समुहें समुझि द्वागी)
b. मुन्ना तब मम्मी के सर पर, डेट दे दो चोटी| (भाग उठा भाई मान कर सर पर सापिन लोटे)
संदेह अलंकार : जहां किसी वस्तु को देखकर त्त्स्दर्ष अन्य वस्तु के संशय होने चमत्कारिक वर्णन हो सौंदर्य अलंकार होता है|
जैसे :
a. सारी बीच नारी है कि नारी बीच सारी है| (सारी ही नारी है कि नारी ही कि सारी है)
- जरुर पढ़े : UPSSSC VDO General Intelligence Question
- जरुर पढ़े : Railway Exam Chemistry GK Notes
व्यतिरेक अलंकार : जहां उपमेय में उपमान की अपेक्षा कुछ विशेषता दिखाई जाए वहां व्यतिरेक अलंकार कहलाता है|
जैसे :
a. संत ह्रदय नवनीत समान, कहां कविं पें कहत न जान|
b. चंद्र संकलन मुख्य निष्कर्षण, दोनों में समता कैसी?
विरोधाभास अलंकार : जहां विरोध ना होने पर भी विरोध का आभास दिया जाए, वहां विरोधाभास अलंकार कहलाता है|
जैसे :
a. भर लाऊं सीपी से सागर| (प्रिय! मेरी अब हार विजय क्या?)
मानवीकरण अलंकार : जहां जड़ पदार्थों पर मानवीय भावनाओं का आरोप होता है, वहां मानवीय अलंकार कहलाता है|
जैसे:
a. उष्मा सुनहले तीर बरसती| (जय लक्ष्मी जी उदित हुई)
b. मेघ आए बड़े बन-ठन के सवर के|
Alankar PDF Download in Hindi
[better-ads type=”banner” banner=”3787″ campaign=”none” count=”2″ columns=”1″ orderby=”rand” order=”ASC” align=”center” show-caption=”1″][/better-ads]आशा है की आपको Alankar Notes In Hindi काभी पसंद आई होगी. तो आप अपने साथियों के साथ Share जरुर करे.
इन्हें भी अवश्य पढ़े :
- वेद इतिहास क्या है? Ved Itihas ki Puri jankari
- 250 सामान्य ज्ञान प्रश्न उत्तर सहित-GK Notes PDF
- मौर्य वंश इतिहास की संपूर्ण जानकारी
- Biology जीव विज्ञान Important Question in Hindi
- Bihar Police Special Question Paper Download
- Most Important Computer GK Notes in Hindi
I need pdf
okay we are provide soon